The Single Best Strategy To Use For bhoot ki kahani
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Bhoot ki kahani
अचानक से वह लड़की की भुत बच्चो के सामने आई और जोर जोर से हसने लगी। और कहा की अब तुम सब मेरी बंदी हो, मई किसी को जिन्दा नहीं छोडूंगी।
जैसे ही श्राप उठा, वह आत्मा राम और सोनू को उनकी बहादुरी और दया के लिए धन्यवाद दिया, और उस गुफा को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। कुत्ता, जो अब श्राप से मुक्त हो गया था, उसने अपनी पूंछ को कृतज्ञतापूर्वक हिलाकर राम और सोनू को धन्यवाद दिया।
यह किस्सा मध्य प्रदेश के रीवा जिले का है। रीवा जिले में नेहरा नाम का एक गांव है, यहां के लोग बताते हैं की बहुत […]
फिर मैं उसका पता पढ़ कर उसके पते के अनुसार मैं उसके घर मिलने के लिए गया। दरवाजा खोलते ही एक आदमी आया और बोला कि क्या काम है तो मैंने बोला कि मुझे प्रीति से मिलना है।
यह घटना चार-पांच दिन तक मेरे साथ होती रही। तो मैंने छठे दिन जब सवेरे मेरे मित्र लोग स्कूल में पढ़ाने आए । तब मैंने यह बात सबको बताई । सब ने बोला हां मैंने भी सुना है ।
एक लड़की थी जिसका नाम था मीरा। मीरा को पड़ना बहुत पसंद था और उसके अंदर हर चीज को जानने की इच्छा थी । क्युकी वह बहुत समजदार थी इसलिए उसके १२ कक्षा में बहुत अच्छे मक्स आए जिस वजह से उसका दाकिला ...
उस चिट्ठी में लिखा हुआ था.कि कल जब फैक्ट्री से निकलो तो जहां पर मैं खड़ी रहती हूं वहां पर मेरा इंतजार करना उस के दूसरे दिन मैं वहां पर पहुंच गया। तो वह लड़की वहां पर नहीं खड़ी थी। मैंने काफी इंतजार किया फिर मैं अपने घर की तरफ चल दिया.
रास्ते मैं छोटे-छोटे गॉव की बस्तियां थी जिधर से मैं गुजर रहा था । अचानक मेरी नज़र रस्ते के किनारे एक छोटे से बस स्टैंड पर पड़ी जहाँ एक औरत शायद अपने घर जाने के लिए बस का इन्तेजार कर रही थी । वह लाल और सफ़ेद पाढ़ वाले साड़ी पहनी हुई थी और उसके हाँथ मैं एक बड़ा सा हैण्डबैग था , उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी ऑफिस से काम करती होगी।लेकिन मैं मन ही मन ये भी सोंच रहा था की आधी रात को वो यहाँ क्या रही है । मैं जब वहां से गुज़रा तो उसने मुझे रुकने का इशारा किया ,मैंने अपनी बाइक रोक दी ।
शैतानी शक्तियों का मज़ाक उड़ाना पड़ा भारी
इसीलिए मैं अंदर आया हूँ। माताजी ने बोला कि यहां पर तो केवल मैं और मेरे पति रहते हैं ।यहां पर तो कोई मेमसाब नहीं रहती है। कुछ बरस पहले यहां पर मेरी बेटी रहती थी ।जो अब नहीं है ।मैंने पूछा क्यों माता जी अब वह कहां रहती है।
आज मैं आप सभी को एक सत्य घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ। मेरे मित्र के पिता लाल सिंह बैंक में एक कर्मचारी थे । वह भूत प्रेत जैसी आत्माओं का बहुत मजाक उड़ाते थे । वह कहते थे कि शैतानी शक्तियों जैसी कोई चीज नहीं होती। और वह चाहे रात हो या .
प्रसाद की लाश जोर जोर से चिल्लाने लगी। उसे कोई बचाने और वह मरना नहीं चाहता था। रमेश को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उसने अपनी पूरी जान लगा दी। उस स्टेशन से बाहर निकलने में और घबराता हुआ रमेश उस स्टेशन से भाग गया। कुछ दिनों बाद एक नया गार्ड स्टेशन पर ड्यूटी करने आया।
और बोला कि यहां पर जो आवाज आप लोगो ने सुनी थी। वह भूल जाना वरना आप लोग पूरी जिंदगी रोते रहोगे। इतने में ड्राइवर भी आ गया और हम लोग दौड़कर बस में बैठ गए ।
अंत में वे गुफा के द्वार पर पहुँचे। गुफा बहुत बड़ा था और जंगल से ढका हुआ था। धड़कते दिल के साथ, राम और सोनू ने अंदर कदम रखा। गुफा नम थी और अंदर अँधेरा था। वे दोनों टोर्च जलाकर अंदर जाने लगे।